दोस्तों आज आपको बताएंगे दुनिया के 7 ऐसे अजूबे जो नष्ट हो गए, एक राजा ने अपनी रानी के लिए ताजमहल बनवाया यह कहानी तो दुनिया जानते है, मगर क्या आपको पता है एक ऐसी रानी भी थी, जिसने अपने राजा के लिए इतना खूबसूरत महल बनवाया था, कि वह एंशिएंट टाइम के 7 वंडर्स में शामिल हो गया था, क्या एंशिएंट टाइम में भी सात अजूबे मौजूद थे, वैसे तो ताजमहल समेत दुनिया में 7 अजूबे मौजूद हैं, मगर आप जानकर हैरान रह जायेंगे की इससे पहले भी सात ऐसे अजूबे हुआ करते थे जो अगर आज दुनिया में होते तो आप यकीन नहीं कर पाते कि इन्हे इंसानो ने ही बनाया है, क्युकी उनके साथ हमारी ये दुनिया और भी खूबसूरत नज़र आती, हम जानते है कि आप सोच रहे होंगे कि आखिर प्राचीन दुनिया के ये सात अजूबे कौन से थे, मगर सवाल ये है, कि वह सात अजूबे किसने बनवाए थे, एक सवाल ये भी है कि वो गए कहाँ तो आइये आपको पूरी जानकारी आज के इस ब्लॉग में देते हैं।
1. Light House of Alexandria
लाइट हाउस की बात की जाये तो यह प्राचीन लोगो की विज़डम एंड फोर साइट का डायरेक्ट एविडेंस था, ऐसा इसलिए क्युकी जिस तरह पोर्ट्स पर जहाज़ को रास्ता दिखाने के लिए आज बहुत सारे लाइट हाउस मौजूद हैं, वैसा ही कुछ एंशिएंट पीरियड में भी हुआ करता था, आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि यह दुनिया का पहला लाइट हाउस था, जो Egypt के Alexandria शहर में बना हुआ था, इसे 280 से 247 ईसा पूर्व के बीच में बनाया गया था, यह 100 मीटर से भी ज्यादा लम्बा था, तभी तो एंशिएंट वर्ल्ड के साथ अजूबो में से एक माना जाता था, यकीन मानिये अगर ये मौजूद होता तो आप समझ पाते कि प्राचीन समय के लोग कितने क्रिएटिव और इंटेलिजेंट थे क्युकी आप जानकर हैरान रह जाओगे कि यह दुनिया का सबसे ऊँचा इंसानो द्वारा बनाया गया सबसे ऊँचा स्ट्रक्चर था, जिसे 47 किलो मीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था, लेकिन यह भी ज्यादा समय धरती पर नहीं रह सका और Egypt में आए भूकम्पों की भेट चढ़ गया, दरअसल लगातार भूकंप आने से इसकी नीव कमज़ोर होती गयी, और ये लाइट हाउस तबाह हो गया, और ये शायद कभी हमारे सामने आ ही नहीं पाता क्युकी हज़ारो साल पहले भी लोग लाइट हाउस के बारे में जानते थे आपको बताते चले कि 1994 में इसके रिमेंस को पहले बार समुन्दर में खोजा गया था, और दुनिया को इस प्राचीन धरोहर के बारे में जानकारी मिली जो कभी धरती पर मौजूद थी।
2. Hanging Gardens of Babylon
हैंगिंग गार्डन ऑफ़ बेबीलोन की बात की जाएं तो ये Iraq के Bubble Province मे बनाया गया था, इसकी खूबसूरती को शब्दों में बयां करना मुश्किल है, क्युकी इसे देखकर ऐसा लगता था, कि आप धरती पर नहीं स्वर्ग में हैं, इस खूबसूरत बगीचे और महलो को राजा नीव कर्ण नज़र सेकंड ने अपनी Wife मीडियन के लिए बनवाया था, दरअसल ऐसा माना जाता है कि उसकी पत्नी को अपने पहाड़ो की बहुत याद आती थी जहाँ हरे भरे पेड़ पौधे और पहाड़ थे, इराक के रेगिस्तानी इलाके में उसे वह चीज़ें नहीं मिलती थी, इसलिए राजा ने अपनी Wife को खुश करने के लिए यह गार्डन तैयार किया था, इस गार्डन में अलग-अलग प्रकार के पेड़ पौधे थे, और रेगिस्तान के बीच में इस बगीचे की ब्यूटी अनोखी थी, हालांकि हिस्टोरियंस की बीच इस गार्डन की एक्सिस्टेंस को लेकर काफी कॉन्ट्रोवर्सीज हैं, ऐसा इसीलिए क्युकी इसका ज़िक्र इराक के एंशिएंट डाक्यूमेंट्स में नहीं मिलता और ना ही इस गार्डन के कोई रिमेंस मिले हैं इसलिए कुछ इतिहास कारों का मानना है, कि यह केवल एक मिथ है हालांकि कुछ लोग यह मानते है कि वाकई गार्डन मौजूद था, लेकिन उसकी ठीक जगह का पता नहीं चल पाई साथ इसे मिथ इसलिए भी माना जाता है क्युकी इसके नष्ट होने की कोई ठोस वजह सामने नहीं आयी इसलिए इसे मिथकीय माना जाता है, लेकिन चाहे जो भी हो अब ये अजूबा अब हमारी दुनिया में नहीं है।
3. Colossus of Rhodes
दरअसल Colossus of Rhodes भी प्राचीन दुनिया के अजूबो में से एक था, इसकी लोकेशन की बात की जाए यह स्टेचू ग्रीस के सिटी ऑफ़ रूडस में लोकेटेड था यह स्टेचू सन गॉड हीलियोस की थी, असल में भारतीयों की तरह एंशिएंट ग्रीक पीपल भी सूर्य की पूजा करते थे और उन्होंने इस विशाल मूर्ति को इसी उद्देश्य से बनवाया था, इसे बनाना में 12 साल लगे थे, क्युकी ये 280 ईसा पूर्व की बात है जब साइंस और टेक्नोलॉजी का विकास नहीं हुआ था, यह मूर्ति 33 मीटर ऊँची थी, और इसे धातु से बनाया गया था, यह मूर्ति रोड्स शहर के पोर्ट पर स्टैबलिश थी, और यही नहीं इसे प्राचीन दुनिया का सबसे ऊँचा मानव निर्मित स्ट्रक्चर माना जाता था, लेकिन दोस्तों 226 ईसा पूर्व में एक समुंद्री तूफ़ान की वजह से यह मूर्ति नष्ट हो गयी, हालांकि तूफ़ान के बावजूद इसके कुछ अवशेष बचे थे, लेकिन 653 ईस्वी में मुआविया फर्स्ट नामक एक अरब जनरल ने इस शहर पर कब्ज़ा कर लिया और मूर्ति के बचे हिस्सों को तोड़कर उसकी नीलामी करवा दी, इसके बाद इस मूर्ति को फिर से कभी नहीं बनाया गया, और प्राचीन दुनिया का एक और अजूबा हमेशा के लिए खो गया।
4. The Temple of Artemis
अगर सात अजूबो में से एक माने जाने वाले आर्टिमिस के मंदिर की लोकेशन की बात की तो यह तुर्की में लोकेटेड हुआ करता था, इस मंदिर को ग्रीस में आर्टिमिस देवी के सम्मान में बनया गया था, तभी तो इसे टेम्पल ऑफ़ डायना के नाम से भी जाना जाता था, ग्रीस के लोग आर्टिमिस को गॉडेस ऑफ़ ब्यूटी एंड नेचर मानते थे, ग्रीस के लोगो का मानना था कि यह देवी नेचुरल डिसास्टर्स एंड हैजर्स से उनकी रक्षा करती हैं, मगर यह मंदिर समय-समय पर वॉर एंड नेचुरल डिसास्टर्स के कारण नष्ट होता रहा यही वजह थी, कि इस मंदिर को तीन बार बनाया गया था, हर बार इसे पहले से भी ज्यादा सुन्दर और मज़बूत बनाया गया, लेकिन बार-बार हुए कंस्ट्रक्शन के कारण इसकी ब्यूटी एंड स्ट्रेंथ बढ़ती गयी और इसे दुनिया के सात अजूबो में से एक माना जाने लगा, यह मंदिर इतना खूबसूरत कि आप इसकी सुंदरता की कल्पना भी नहीं कर सकते, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि यह सात अजूबो की लिस्ट से नहीं बल्कि दुनिया से ही गायब हो गया, लेकिन क्या आप जानते है क्यों, दोस्तों ऐसा इसलिए क्युकी 262 ईसा पूर्व में इस मंदिर पर हमला हुआ और इसे हमेशा के लिए नष्ट कर दिया गया जिसके बाद इस मंदिर को फिर बनाने की कोशिश नहीं की गयी हालांकि की इस मंदिर की रिमेंस आज भी तुर्की मैं मौजूद हैं, जो अब एक नेशनल हेरिटेज बन चुके हैं बहुत सारे टूरिस्ट इसे देखने आते हैं अगर आप भी कभी तुर्की जाए तो आपको प्राचीन कल के इस अजूबे Temple of Artemis को जरूर देखना चाहिए।
5. The Statue of Zeus at Olympia
सात अजूबो में शामिल इस स्ट्रक्चर की बात की जाए तो यह भी ग्रीस में ही मौजूद था, असल में ग्रीस के लोग भी देवताओ में एक्सेसिव ट्रस्ट करते थे, यहाँ के लोग जुज़ के देवता की तरह पूजा किया करते थे यही वजह थी की प्राचीन काल में ग्रीस में Zues की एक बड़ी मूर्ति बनाई गयी थी, जिसे The Statue of Zeus at Olympia के नाम से जाना जाता था, अगर इसके कंस्ट्रक्शन पीरियड की जाये तो इसे 435 BC में फिडियस नामक कलाकार तैयार किया था, इसकी ऊंचाई लगभग 12.5 मीटर थी, वैसे हम बताते चले की Zeus ग्रीस ओलम्पिया शहर की राजा माने जाते थे, और उन्ही के सम्मान में यह मूर्ति बनाई गयी थी, यह मूर्ति इतनी आकर्षक और बड़ी थी, कि इसको दुनिया के सात अजूबो में शामिल किया गया, यही मूर्ति के निर्माण में गोल्ड प्रिशियस स्टोन्स एंड आइवरी का इस्तेमाल किया गया था, मगर अचानक फिर ऐसा हुआ कि यह मूर्ति गायब हो गयी, और पूरा ग्रीस इसे लेकर परेशान हो उठा हालांकि इस मूर्ति को खोजने की पूरी कोशिश की गयी, लेकिन कभी कोई सफलता नहीं मिली, और आज तक कोई नहीं जनता कि यह मूर्ति कहाँ चली गयी, चाहे जो भी दुनिया ने सात अजूबो में से एक खो दिया।
6. The Mausoleum at Halicarnassus
Mausoleum की बात की जाये तो यह भी सात अजूबो में शामिल था, वास्तव में ये सिंबल ऑफ़ लव एंशिएंट टाइम माना जाता है, क्युकी इसके बनने की कहानी बेहद ख़ास है दरअसल ये मकबरा 353 से 351 BC के दौरान बनाया गया था, आओ जानकर हैरान रह जायेंगे कि जहाँ अक्सर प्रेम में केवल पुरुष ही महिला के लिए कुछ करते दिखाई देते हैं, प्राचीन काल के इस अजूबे ने इस सोच को पलट दिया था, असल में इस मकबरे में रानी Artemisia II ने अपने पति Mausoleum की याद में बनवाया था, यह टॉम बेहद ब्यूटी फुल ग्रैंड था माना जाता है तुर्की में 353 से 351 BC के दौरान बनी इस मकबरे के बहार डिफरेंट टाइप्स की मुर्तिया थी, जो इसे और भी खूबसूरत बनती थी, इसके स्ट्रक्चर की बात की जाये तो इसकी ऊंचाई 45 मीटर थी, और इसे बेहद मज़बूत खम्बो पर खड़ा किया गया था, साथ ही वाल्स ऑफ़ द टॉम पर एंशिएंट ग्रीक हिस्ट्री डिज़ाइन करि गयी थी, जो उसे और विशेष बनाती थी, यही वजह थी कि इसे सात अजूबो में शामिल किया गया था, क्युकी ये अपने समय का सबसे शानदार मकबरा था, लेकिन 15 वी सदी के दौरान ये नष्ट हो गया इसका कारण तुर्की में आने वाले भूकंप थे, जिससे ये कमजोर हो गया और ये कई टुकड़ो में टूट गया, हालांकि इसके अवशेष तुर्की के म्यूजियम में सुरक्षित रखे गए हैं।
7. The Great Pyramid of Giza
असल में Great Pyramid of Giza की बात की जाये तो ये प्रेजेंट टाइम में भी सात अजूबो में से एक है इसलिए एंशिएंट वर्ल्ड के सात अजूबो में सबसे मज़बूत स्ट्रक्चर है 4000 सालो तक दुनिया की सबसे ऊँची बुलिडिंग बनी रही ऐसा माना जाता है इसका कंस्ट्रक्शन 2570 BC के दौरान हुआ था, और तब इसकी ऊंचाई 146.6 मीटर थी लेकिन धीरे-धीरे नेचुरल डिजास्टर जैसे भूकम्पों के कारण इसकी ऊंचाई काम होती चली गयी, इसके स्ट्रक्चर की बात की जाये तो यह लाइम स्टोन की चट्टानों से बना हुआ है, और बेहद खूबसूरत है Great Pyramid of Giza आज भी रिसर्चस के लिए एक रहस्य बना हुआ है क्युकी ये हज़ारो सालो से धरती पर बिना हिले खड़ा है, तभी प्राचीन वर्ल्ड के सात अजूबो में से एक मात्र ऐसा अजूबा है जो आज भी मौजूद है, और यही नहीं unesco ने इसे विश्व धरोहर में भी शामिल किया है।
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