भारत में पहले के ज़माने में लेनदेन कैसे किया जाता था, आपने कभी ना कभी सुना ही होगा एक फूटी कोड़ी नहीं दूंगा चमड़ी जाये पर दमड़ी ना जाए, भारत जब ग़ुलाम था तो नोटों पर किसकी तस्वीर छापी जाती थी, भारतीय नोटों नोटों पर महात्मा गाँधी की तस्वीर क्यों छापी जाती है, भारत सरकार अब डिजिटल करेंसी लाने वाली है, आइये इसके बारे में जानते है, भारतीय रुपयों का पूरा इतिहास और कुछ रोचक तहत्य।
भारतीय रुपयों का इतिहास ?
पहले के ज़माने में लोगो को किसी भी सामान को खरीदना होता था, तो सामान के बदले उनको अनाज देना होता था, जिससे लेनदेन होती थी, कई बार लेन देन में काफी विवाद हो जाता था, लेन देन में समझौता नहीं हो पाता था, जैसे किसी को चावल चाहिए और उसके पास गेहू है ऐसे में किसी तीसरे को बुलाकर समझौता कराना पड़ता था, उस समय लेन देन में दिक्कतें आती थी, इसके बाद कौड़ी चलन आया तीन फूटी कौड़ी को मिलाकर एक एक साबुत कौड़ी बनती थी, दरअसल जो कौड़ी होती थी उसे ही पैसे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था, कौड़ी के बाद दमड़ी चलन में आया, मुग़लों के समय में भारत में दमड़ी चलती थी, दमड़ी पत्थर के आकार की होती थी, जिसमे उर्दू में लिखा होता था, यह तांबे और चांदी की बानी होती थी, जो 10 कौड़ी को मिलाकर एक दमड़ी बनती थी, उसके बाद धेला चलन में आया, उसके बाद पाई आया, पाई से पैसा आया, पैसा से आना आया, आना से रुपया आया।
भारत में रूपए की शुरआत किसने और कब की ?
भारत में सबसे पहले रूपए की शुरआत Sher Shah Suri ने 1540 से 1545 के दौरान शुरू किया था, Sher Shah Suri ने अपने शासन काल में चांदी और सोने का सिक्का चलाया था, सोने के सिक्के को उस समय सोने की मोहरे भी कहा जाता था, भारत में ब्रिटिश सरकार के समय से भी यह चल रहा है, Sher Shah Suri के समय में चलाया गया रुपया आज तक चल रहा है, 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा 1 रुपये का पहला सिक्का जारी किया गया था, कोलकाता में ईस्ट इंडिया कमपनी द्वारा बनाए पहले सिक्के को बंगाल के मुग़ल प्रांत में चलाया गया था।
भारत ने अपना एक रूपए का सिक्का कब बनाया था ?
जैसा की आप सभी लोग जानते है, हमारा भारत अंग्रेज़ो से 1947 में आज़ाद हुआ था, लेकिन ब्रिटिश समय के सिक्के 1950 तक देश में चल रहे थे, भारत में पहला 1 रूपए का सिक्का 1950 में बनाया गया था, 1 रुपया 16 आना या 64 पैसे से मिलकर बनता था, एक आना मतलब 4 पैसा होता था, कुछ समय तक भारत में आना सिस्टम चलता रहा, जिसमे 1 आना 2 आना के सिक्के चलते थे, रूपए की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा होता था, जिसे 1947 में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से बंद कर दिया, उसके बाद 1 पैसा, 2 पैसे, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा, 25 पैसा, और 50 पैसा के सिक्के जारी किए गए और देश में लम्बे समय तक चले, एक पैसे से लेकर 50 पैसे का सिक्का 1957 से 1972 के बीच में चलन में था, इस पर 2011 में बैन लगा दिया गया।
- 2 रूपए का सिक्का 1982 से चलन में आया
- 5 रूपए का सिक्का 1992 से चलन में आया
- 10 रूपए का सिक्का 2006 से चलन में आया
- 20 रूपए का सिक्का 2020 से चलन में आया
भारत नोटों को छापने की शुरआत कब हुई ?
भारत में पहली बार नोटों को छापने की शुरआत 1770 में हुई थी, कोलकाता में Bank of Hindustan के द्वारा छापे गए ये नोट लगभग 51 साल तक छापे गए थे, 1861 में ब्रिटिश सरकार ने करेंसी नोटों को लेकर एक नया नियम लागु कर दिया था, ब्रिटिश सरकार जो नोटों को छापती थी, उस पर महारानी Victoria की तस्वीर छपी होती थी, यह नोट करीब 62 साल तक चलते रहे, उसके बाद ब्रिटिश सरकार ने 1923 में करेंसी नोटों पर से महारानी Victoria की तस्वीर हटा कर King George Pancham की तस्वीर छापनी शुरू कर दी।
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना कब हुई ?
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1935 में हुई थी, इससे पहले जितने भी नोट छपते थे, वो England से छपकर आते थे, 1935 के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक को भारत सरकार के लिए नोट छापने की इजाज़त दे दी थी, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1938 में 5 रूपए का नोट छापा था जिस पर ब्रिटैन के राजा George Sixth की फोटो छापी गयी थी, उसके बाद 10 रूपए, 100 रूपए, 1000 रूपए और 10,000 रूपए के नोट छापे गए थे, ब्रटिश समय में जारी किये ये सभी नोट आज़ादी के कुछ समय तक चलन में रहे, उसके बाद 100 रूपए के ऊपर वाले नोट बंद कर दिए गए।
महात्मा गाँधी जी की तस्वीर नोटों कब छपनी शुरू हुई ?
1969 में महात्मा गाँधी जी के सवी जयंती पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने सबकी सहमति से यह तय किया भारतीय नोटों पर महात्मा गांघी जी की तस्वीर छापी जाएगी, 10 रूपए के पहले नोट पर महात्मा गाँधी जी की तस्वीर छापी गयी थी, महात्मा गाँधी जी की यह मुस्कुराती हुई फोटो 1946 में कोलकाता के वासरा हाउस में खींची गयी थी, जिसे आज हम सभी लोग राष्ट्रीपति भवन के नाम से जानते है, 1996 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 100 रूपए का नोट जारी किया, 1997 में 50 और 500 रूपए का नोट जारी किया, और उसके बाद साल 2000 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1000 रूपए का नोट जारी किया, 2001 में 5 और 20 रूपए का नोट जारी किया गया था, 8 नवंबर 2016 को भारत में 500 और 1000 के नोटों को पूरी तरह से बंद कर दिया था, और उसके बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने 100,200 500 और 2000 के नए नोट जारी किये थे, लेकिन 30 सितम्बर 2023 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2000 के नोटों को बंद कर दिया, भारत सरकार अब E-Rupay लानी वाली है, ये रूपए का नया रूप है,यह डिजिटल करेंसी है जो पूरी तरह से डिजिटल होगा, यह UPI से अलग होगा, जैसे हमारे पास 10,20,50,100,500 के नोट होते है, ऐसे हे फ़ोन में होगा, और आप किसी से भी लेन देन कर पाएंगे, भारत सरकार कुछ राज्यों में चालू भी कर चुकी है, अभी ये Try Mode पर है।
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