दोस्तों आज आपको बताते हैं वक़्फ़ बिल का काम क्या है ? वक्फ बोर्ड की कमेटी का काम ये होता है की जब कोई भी शक्स वक्फ बोर्ड में अपने पैसे दान करता हे तो इन पैसों को संभाल कर रखना और इन पैसों को सही जगह पर इस्तमाल करना। इसमें कोई भी मुस्लिम व्यक्ती अपने पैसों की जकात अल्लाह के नाम पर वक़्फ़ की कमेटी को दान कर सकता है। अब वक्फ बोर्ड को संभालने वाले जो मुस्लिम अधिकारी हैं वो इन पेसो का इस्तमाल किसी भी मस्जिद या मदारिस या कबरिस्तान या फिर ईदगाह की मरम्मत या इन धार्मिक जगहों को नया बनाने में करते हैं।इसके अलावा भी अगर कोई व्यक्ति मजबूर हे अब चाहे वो किसी भी मज़हब से हो उसकी मदद भी इन पैसों से की जा सकती हे। सबसे अहम बात ये है कि वक़्फ़ की कमेटी में कोई भी व्यक्ति अपने पैसों को दान कर सकता हे चाहे वो मुस्लिम हो या गैर मुस्लिम। एक बार जब ये पैसे वक्फ के नाम पर चलें जाते हैं तो दान करने व्यक्ति का ये अधिकार नहीं होता की वो इन पैसों को वापस लेले क्योंकि ये संपत्ति अल्लाह के नाम पर दान होती है।अगर वक्फ बोर्ड की ज़मीन की बात करें तो रेलवे और रक्षा विभाग के बाद वक्फ बोर्ड की ज़मीन भारत की तीसरी सबसे बड़ी ज़मीन है। जो पूरे भारत में 9.4 लाख एकड़ में फैली है। चलिए अब बात करते हैं वक़्फ़ बिल नई UPDATE के बारे मे।
क्या है नया कानून ? वक़्फ़ बिल नई UPDATE 2024
भारत सरकार ने वक्फ बोर्ड में कुछ बदलाव करने के लिए बीते कुछ दिनों पहले संसद में एक नया वक्फ बोर्ड कानून पेश किया है जिसका मकसद है कि वक्फ बोर्ड के कामकाज को बदलना और महिलाओं को इन बोर्ड में शामिल करना। इसके अलावा कुछ मनमाने अधिकारों को कम करना जैसे वक्फ बोर्ड की कमेटी किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति के होने का दावा करती है आदि। नया कानून मौजूदा वक्फ कानून में लगभग 40 बदलावों का प्रसताव रखता है जिसमे मुख्य वक्फ बोर्ड की धारा 9 और 14 में बदलाव करना है जिसका मुख्य मकसद महिलाओं को वक्फ बोर्ड में शामिल करना है। ये कानून वक्फ बोर्ड की मनमानी मर्जियां करने की वजह से लाया जा रहा है।
उधारण के लिए sept 20 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने तिरुचेंदुरा गांव में अपनी ज़मीन होने का दावा जताया था जबकि ये ज़मीन हिंदू बहुल की है।
क्यों? मुस्लिम इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
मुस्लिम लॉ बोर्ड का कहना हे कि अगर इस बिल को भारत सरकार ने लागू कर दिया तो वक्फ बोर्ड की 70 % संपत्ति सरकारी खज़ाने में चली जाएगी। उनका कहना है कि वक्फ की संपत्ति के बारे में लोगों को गुमराह किया जा रहा है। क्योंकि लोगों को ये बताया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति को मुस्लिम लॉ बोर्ड अपने इस्तेमाल में खर्च करती है जबकि ऐसा नहीं है, इस संपत्ति का इस्तेमाल मस्जिद,मदारिस, दरगाह और कब्रिस्तान या फिर जरूरत मंद लोगों की मदद करने में किया जाता है।
मुस्लिम लॉ बोर्ड ने इस बिल के विरोध में आवाम से उनकी राय लेने के लिए अपना QR code जारी किया है जिसमे अभी तक लगभग 3 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने इस बिल को वापस लेने की राय देदी है, मुस्लिम लॉ बोर्ड ने कहा है कि किसी भी डेमोक्रिसी में इसी तरीके से लोगों को अपनी राय देने का पूरा अधिकार होता है और फीर उसी के आधार पर फैसला किया जाता है।
या तो नया कानून या सबसे बड़ा आंदोलन
आप को बता दें कि वक्फ बोर्ड के नए कानून को लेकर देश में सबसे बड़ा आंदोलन होने जा रहा है अगर भारत सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया तो मुस्लिम समाज के लोग और भीम आर्मी के लोग साथ मिलकर इस बिल को वापस लेने की मांग में आंदोलन करेंगे।
BHEEM ARMY के CHIEF चंद्रशेखर आज़ाद ने मुसलमानों को पूरा विश्वास दिलाया है कि हम इस बिल को वापस लेने में मुसलमानों का पूरा साथ देंगे। चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा है कि वो अपनी जान तक देदेंगे। साथ ही उन्होंने ने कहा है कि जितना विरोध मुस्लिम कमेटी नही कर पाई उससे बड़ा आंदोलन Bheem Army करेगी।
वक़्फ़ बिल की बैठक ? वक़्फ़ बिल नई UPDATE 2024
इस वक़्त वक़्फ़ बिल संशोधन से जुडी एक बड़ी खबर आ रही है वक़्फ़ बिल संशोधन को लेकर JPC के सदस्य चार बड़े शहरो में जायेंगे चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, मुंबई, जायेंगे और इन शहरो में भी JPC की बैठके होंगी अलग-अलग संघठनो की राय ली जाएगी और 26 से 30 सितम्बर तक JPC के सदस्य रायशुमारी करें
वक़्फ़ संशोधन बिल पर आज बड़ी बैठक होने वाली है आज और कल दो दिन JPC की बैठक होनी है JPC को अब तक 84 लाख सुझाव मिल चुके है स्टेहोल्डर्स के सामने बिल जायेगा तो वक़्फ़ बिल जिसको लेकर के बड़ा घमासान भी हुआ था JPC को इसे भेजा गया और इसको लेकर के सुझाव भेजने को QR CODE की भी होड़ चली है और इसको लेकर आज एहम बैठक शुरू होने जा रही है दो दिन ये एहम बैठक चले
वक़्फ़ बिल पर JPC की आज भी बैठक जारी है JPC को ईमेल से अभी तक 84 लाख सुझाव मिले है ALL INDIA सज्जाद दान शन कॉउन्सिल अजमेर ने JPC के सामने अपनी बातों को रखा है दरगाह की स्वायत्ता बरकरार रखने की मांग रखते हुए बिल का समर्थन किया है दरगाहो को मिलने वाले फंड का पूरा ब्यूअरा कमिटी के सामने रखने की मांग भी की गयी
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