15 बैंको का वजूद खत्म हो जाएगा। सरकार ने लिया बड़ा फैसला।

देश के 15 बैंको का वजूद ख़त्म हो सकता है, सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको के मर्जर की तैय्यरी में जुट गयी है, सरकार का प्लान है कि 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को कम करके 28 कर दिया जाए, इस तरह से सरकार 15 बैंको के वजूद को ख़त्म कर देगी।

15 बैंको का वजूद खत्म हो जाएगा
15 बैंको का वजूद खत्म हो जाएगा

वित्त मंत्रालय का प्लान ?

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको का चौथा राउंड शुरू कर दिए है, वित्त मंत्रालय 15 क्षेत्रीय ग्रामीण Banks का मर्जर करने की तैय्यरी कर रही है, इन 15 Banks को दूसरे बैंको के साथ मर्ज कर दिया जायेगा, इनका विलय कर दिया जायेगा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक छोटे किसानो कृषि मजदूरों और छोटे कारोबारियों को क्रेडिट देते हैं, लेकिन उनकी पूंजी और टेक्नोलॉजी तक पर्याप्त पहुंच नहीं है।

क्षेत्रीय ग्रामीण मर्जर के पीछे सरकार का क्या प्लान है ?

दोस्तों सरकार का मर्जर के पीछे का मकसद है, Banks की लागत को घटाना और कैपिटल बेस को बढ़ाना, यह पूरा मोतिवे है इसके पीछे, सर्कार के प्लान के मुताबिक मर्जर के बाद एक राज्य में एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक रह जायेगा, मौजूदा वक़्त में सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक है।

किस राज्य में कितने RRB (Common Recruitment Process for Regional Rural Banks)

आंध्र प्रदेश——————- 4

उत्तर प्रदेश —————— 3

पश्चिम बंगाल—————– 3

बिहार————————- 2

गुजरात———————– 2

जम्मू कश्मीर—————– 2

कर्नाटक ——————— 2

मध्य प्रदेश ——————- 2

महाराष्ट्र ———————- 2

ओडिशा ——————— 2

राजस्थान ——————– 2

तो दोस्तों क्षेत्रीय ग्रामीण Banks में 50% हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होती है, इसके आलावा 35% हिस्सेदारी स्पोंसर का और 15% हिस्सा राज्य सरकार का होता है, सरकार का प्लान है, कि क्षेत्रीय ग्रामीण Banks का मर्जर उनके स्पोंसर बैंक के साथ ही कर दिया जाये, अब इसका क्या मतलब और ये कैसे किया जायेगा, चलिए आपको बताते हैं।

 

Banks Sponsored

Andhra Pragathi Grameena Bank ——– Canara Bank

Chaitanya Godavari Grameena ————Union Bank of India

Saptagiri Grameena Bank ——————- Indian Bank

Andhra Pradesh Grameena Vikas Bank —– State Bank of India

Bangiya Gramin Vikash Bank ———– Punjab National Bank

Paschim Banga Gramin Bank ——— Uco Bank

Uttar Banga Kshetriya Gramin ——— Central Bank

 

तो सरकार के प्लान के मुताबिक इन क्षेत्रीय बैंको को इनके Sponser Banks में मर्ज कर दिया जायेगा, अब मर्जर के लिए सरकार ने स्पोंसर बैंक से रोडमैप भी माँगा है।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको के मर्जर शुरुआत कब हुई थी ?

क्षेत्रीय ग्रामीण Banks के मर्जर की शुरआत केंद्र सरकार ने साल 2005 में की थी, 2005 में क्षेत्रीय ग्रामीण Banks की संख्या 196 थी, जो घट कर 43 पर आगयी है, सरकार अब मर्जर प्रकिर्या का चौथा मर्जर शुरू कर रही है, इसके साथ ही क्षेत्रीय ग्रामीण Banks की संख्या 28 पर आ जाएगी।

 

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