हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद EVM की बैटरी पर सवाल उठा, Exit Poll के विश्वसनीयता भी सवालो के घेरे में आयी, और विपक्ष ने चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली को लेकर संदेय जताया, और इन सब के बाद अब Supreme Court में एक याचिका दाखिल की गयी है, हरियाणा चुनाव के नतीजे आए एक हफ्ते से ज्यादा का वक़्त अब हो गया है 17 अक्टूबर को C.M का शपथ ग्रहण भी हो जायेगा, लेकिन चुनाव नतीजों को लेकर उठ रहे सवाल जारी है।
Supreme Court में क्या याचिका दायर की गयी है ?
सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर गड़बड़ी के आरोप को लेकर एक याचिका दायर की गयी है, जिसमे कहा गया है कि चुनाव के दौरान EVM से छेड़छाड़ हुई है, सबसे बड़ी अदालत से मांग की गयी है कि वह चुनाव आयोग को आदेश दे की वह EVM में गड़बड़ी के आरोपो की जांच करे, Priya Mishra और Vikas Bansal की ओर से दायर की गयी इस अपील में कांग्रेस पार्टी की शिकयतों को भी आधार बनाया गया है, याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने भी चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत ECI (Election Commision of India) से की थी, लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, कुछ वोटिंग स्टेशंस पर वोटिंग और काउंटिंग के दौरान ही EVM की गड़बड़ी पकड़ी ली गयी थी, मौके पर मौजूद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओ ने EVM की गड़बड़ी को वहां मौजूद चुनाव अधिकारी को भी बताया लेकिन कांग्रेस के लोग ज्यादा नहीं थे, इसीलिए उनकी सुनवाई नहीं हुई ऐसा दावा है।
EVM को लेकर क्या सवाल उठाए गए ?
याचिका में EVM की बैटरी को लेकर भी सवाल किया गया, कुछ EVM 99% क्षमता पर काम कर रही थी, जबकि कुछ EVM 60 से 70 और कुछ 80% से काम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थी, कुछ EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99% बैटरी थी, ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच होनी चाहिए ऐसा भी याचिका में कहा गया है।
कौन-कौन सी विधानसभा सीटों पर फिर की चुनाव करने की मांग की गयी है ?
पानीपत शहर, बल्ल्भगढ़, फरीदाबाद एनआईटी, नारनौल, करनाल, डबवाली, रेवाड़ी, होडल, कालका, इंद्री, बड़खल, नलवा, रानिया, पटौदी, पलवल, बरवाला, उचाना कला, घरौंडा, कोसली, बादशाहपुर,
इन सभी सीटों पर बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी की कैंडिडेट को हरा दिया था।
मुख्या चुनाव आयुक्त Rajiv Kumar 15 अक्टूबर को क्या कहाँ ?
याचिका के आलावा बीते दिनों कांग्रेस पार्टी की और से EVM की बैटरी को लेकर जो सवाल उठाए गए है, उस पर मुख्या चुनाव आयुक्त Rajiv Kumar ने 15 अक्टूबर को उस वक़्त जवाब दिया जब झारखण्ड और महाराष्ट्र की चुनाव तारीखों की घोषणा के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की गयी थी।
Rajiv Kumar जी ने कहा “जब मशीन में कमीशनिंग होती है उस दिन उसमे बैटरी डाली जाती है कमीशनिंग बहुत जरूरी है वोटिंग से 5 या 6 दिन पहले कमीशनिंग होती है उस दिन मशीन में सिंबल पड़ते है तो मशीन में नयी बैटरी उस दिन तक डाली जाती है और सील करके उस बैटरी पर भी कैंडिडेट के एजेंट्स के दस्तख्त होते है, फिर कमीशनिंग के बाद सिंबल लोड हो होता है फिर मशीन उनके सामने स्ट्रांग रूम में जाती है डबल लॉक लगता है तीन लेयर की सिक्योरिटी रहती है, जिसमे सीपीएफ भी शामिल है और मस्ट आब्जर्वर होंगे, उसके बाद जब वो पोलिंग के डिस्ट्रीब्यूशन के दिन निकलेंगी उस दिन फिर यही प्रोसेस होगा वीडियो द्वारा, वीडियो के बाद वो फील्ड में जायेंगे सेक्टर मजिस्ट्रेट भी साथ में रहेंगे फिर कैंडिडेट के एजेंट्स साथ में रहेंगे, और साथ ही उसके नंबर भी शेयर किये जायेंगे, इस नंबर की मशीन इस बूथ पर जाएगी, फिर पुरे दिन वोटिंग हुई एक एक वोट का हिसाब रखा, उसके बाद मशीन क्लोज करने के बाद दस्तखत कराए, फिर हिसाब लगाया कितने वोट पड़े, फिर से फॉर्म 17 C दिया”
EVM को लेकर बार-बार उठ रहे सवालो पर चुनाव आयोग की और से कई बार सुनवाई दी गयी है लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, अब देखना होगा की Supreme Court इस याचिका को सुनवाई के लिए मंजूरी देता है या नहीं या फिर याचिका को रद्द ही कर दिया जाता है।
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