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National Education Day, 11 November को ही क्यों मनाया जाता है ?

National Education Day, 11 November को ही क्यों मनाया जाता है ?

National Education Day, 11 November को ही क्यों मनाया जाता है ?

दोस्तों आपको मालूम होगा कि हर साल यानी 11 November को भारत में National Education Day मनाया जाता है, लेकिन ये क्यों और किसकी याद में और किस वजह से मनाया जाता ये सब आपको मालूम नहीं होगा, तो चलिए बताते हैं आपको बहुत ही आसान शब्दों में।

National Education Day, 11 November को ही क्यों मनाया जाता है ?

 

कौन थे मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद ?

दोस्तों आपको बता दें कि मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद का Education, Nation Building और Histution Building ने बहुत बड़ा योगदान था, जितनी मेहनत एक अच्छे डिज़ाइन की बिल्डिंग को तैयार करने के लिए आर्किटेक और इंजिनियर को लगती उतनी ही मेहनत मौलाना अब्दुल कलाम ने भारत के एजुकेशन सिस्टम को बढ़ाने के लिए की थी, यही वो पहले इंसान थे जिन्हें भारत का पहला शिक्षा मंत्री घोषित किया गया था, और 1947 से 1958 तक इन्होंने ही भारत के Education सिस्टम को संभाला था।

क्यों मनाया जाता है ? National Education Day

दोस्तों 11 November 1888 मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद का जन्म हुआ था और इन्हीं के जन्मदिन पर भारत में हर साल 11 National Education Day मनाया जाता है, साल 2008 में सबसे पहले MHRD ने National Education Day मनाया था ताकि लोग इनके एजुकेशन सिस्टम को जान सके और इनके क्या योगदान थे एजुकेशन को लेकर भारत के लिए, यही सब चीज़ को हर साल दोहराने के लिए ये दिवस मनाया जाता है।

मौलाना अबुल कलाम परिचय।

दोस्तों इनका असली नाम Abul Kalam Gulam Muhiuddin Ahmad Bin Khair Uddin Al Hussain Azaad था, लेकिन इन्हें मौलाना अबुल कलाम या मौलाना आज़ाद के नाम से जाना जाता था, इनका जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का में हुआ था जो इस वक्त सऊदी में है, ये एक फ्रीडम फाइटर, जर्नलिस्ट और एक रिफॉर्मल थे जो Education को बेपनाह भारत में फैलाना चाहते थे, और देश को आगे बढ़ाना चाहते थे, वो इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेता थे, और 1912 में इन्होंने ब्रिटिस्ट कि पॉलिसी पर हमला करने के लिए (अल हिलाल) नाम से एक एप्लीकेशन शुरु की। और भारत के सामने आने वाली हर परेशानी का सामना किया, और जब देश आजाद हुआ तो इनकी मेहनत और महानता को देखते हुए इन्हें भारत का पहला शिक्षा मंत्री बना दिया गया था और साथ ही जब भारत का संविधान लिखा जा रहा था तो तब भी संविधान की तैयार करने के लिए इन्हें बुलाया गया था। साथ इन्होंने भारत में फ्री एजुकेशन के लिए भी बहुत मेहनत की थी। 11 साल की उम्र में इनकी माता का निधन हो गया था जिसके बाद 13 साल की उम्र में इन्होंने शादी कर ली थी।

National Education Day, 11 November को ही क्यों मनाया जाता है ?

 

मौलाना आज़ाद द्वारा बनाए गए Educational Institution

अगर बात करें इनके द्वारा स्थापित Educational Institution की तो इन्होंने 1953 में (UGC) University Grants Commission कि स्थापना की थी, और इसके साथ ही इन्होंने संगीत नाटक एकेडमी की भी स्थापना की थी, 1954 में इन्होंने Sathiya Acedmy और Lilit Kala Academy की भी स्थापना की थी। और शायद यही वजह है कि लोग आज भी इनको याद करते हैं, और साथ ही इनके द्वारा किए गए काम से इंस्पायर होते हैं।

 

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