USA (अमेरिका) ने कर दिया भारत की 19 कमापनियों को बैन !

दोस्तों 24 फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था, रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करते हुए बड़े पैमाने पर सैन अभियान शुरू किया था, युद्ध अभी भी जारी है, अब अमेरिका ने रूस की मदद करने के आरोप में दुनिया भर की 400 कंपनियों और लोगो पर प्रतिबंध लगाया है, और इस युद्ध का कोई स्पष्ट अंत दिखाई नहीं दे रहा है, युद्ध के कारण यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं, और लाखो लोग बेघर हो गए हैं, इस युद्ध का ग्लोबल लेवल पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा है, इससे खाध और ऊर्जा की कीमतें बड़ी हैं, दुनिया भर में आर्थिक मंदी का खतरा पैदा हो गया है, यूक्रेन की सेना ने रूस की सेना का कड़ा प्रतिरोध किया है, और कई मोर्चो पर रूस को पीछे धकेलने में भी कामयाब रही है, यूक्रेन को पश्चिमी देशो से हथियार और आर्थिक सहायता मिल रही है।

USA (अमेरिका) ने कर दिया भारत की 19 कमापनियों को बैन !

 

अमेरिका का भारत की कंपनियों पर प्रतिबंध

अमेरिका ने भारत की 19 कंपनियों और 2 नागरिको पर प्रतिबंध लगाया है, इन कंपनियों पर यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने का आरोप है, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थवहवस्था ने बड़ा कदम उठाया है,अमेरिका का आरोप है की ये भारतीय कंपनिया यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद कर रही थी, इन्होने रूस को हथियारों और सैन उपकरणों की सप्लाई की थी।

अमेरिका ने कौन-कौन से देशो की कंपनियां बैन की है ?

भारत के आलावा अमेरिका ने चीन, मलेशिया, थाईलैंड, तुर्की, और UAE की कई कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली की Ascend Aviation के डायरेक्टर Vivek Kumar Mishra और Sudhir Kumar पर भी पाबन्दी लगाई गयी है, अमेरिकी विदेश विभाग ने Ascend Aviation मास्क ट्रांस TSMD Global और FUTREVO जैसी कंपनियों पर भी आरोप लगाए हैं।

 

अमेरिका के विदेश विभाग ने दी कुछ जानकारी।

अमेरिका के विदेश विभाग ने चार भारतीय कंपनियों पर लगाए गए आरोपों की डिटेल जानकारी भी दी है, अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि Ascend Aviation ने मार्च 2023 से मार्च 2024 के बीच रूस को 700 से ज्यादा शिपमेंट भेजे थे, इसमें 2 लाख डॉलर से ज्यादा मूल के हाईटेक सामान शामिल थे, इसी तरह मास्क ट्रांस पर आरोप है, कि कंपनी ने जून 2023 से अप्रैल 2024 के बीच रूस को 3 लाख डॉलर मूल के सैन उपकरण सप्लाई किया थे, TSDM Global को रूस को 430000 डॉलर के और FUTREVO पर रूस को 1.4 मिलियन डॉलर के हाईटेक सामान सप्लाई करने का आरोप लगाया गया है, यह आरोप बेहद गंभीर हैं, अगर यह आरोप सच साबित होते है तो इसका मतलब है, कि भारत की कुछ कंपनिया अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उलंघन कर रही थी, और एक युद्ध रथ देश को हथियार सप्लाइ कर रही थी।

क्या अमेरिका ने पहले भी भारत की कंपनियों को बैन किया है ?

दोस्तों आपको बता दे की, यह पहला मौका नहीं है, जब अमेरिका ने भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है इससे पहले पिछले साल नवंबर में SI 2 Micro Systems पर भी अमेरिका ने बैन लगाया गया था, कंपनी पर रूसी मिलिट्री को अमेरिकी ओरिजिन वाले इंटीग्रेटेड सर्किट सप्लाई करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन दोस्तों सवाल ये उठ रहा है कि आखिर क्यों भारतीय कंपनिया ऐसे ज़ोखिम उठा रही है, क्या उन्हें पैसो के लालच में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को ताख पर रख देना चाहिए, क्या भारत की सरकार इस मामले में कोई कार्यवाही करेगी, इस खबर पर आपकी क्या राय है, कि अमेरिका ने भारत पर गलत आरोप लगाए हैं या फिर भारतीय कंपनियों ने वास्तव में गलत काम किया है।

 

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