हमारे देश के राज्य उत्तर प्रदेश में पहले से ही कई सारे एक्सप्रेसवे मौजूद है जिसमे अगर हम मुख्या एक्सप्रेसवे की बात करे तो एक है Yamuna Expressway, और दूसरा है Lucknow- Agra Expressway इन दोनों से ही उत्तर प्रदेश को इकॉनमी और ग्रोथ में काफी मदद मिल रही है अब बनाया जा रहा है GANGA EXPRESSWAY. दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे Ganga Expressway के बारे में आखिर U.P में 37000 करोड़ का एक्सप्रेसवे क्यों बन रहा है ? और इससे उत्तर प्रदेश और हमारे देश को क्या लाभ होगा।
GANGA EXPRESSWAY से जुड़ी कुछ बातें।
उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है, जो लगभग 594 km लम्बा छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा, जिसे Meerut से Prayagraj के बीच में बनाया जा रहा है इस प्रोजेक्ट को (UPEIDA) UP Expressways Industrial Development Authority बना रही है, जिसे बनाने में 37000 करोड़ रूपए लगेंगे, Ganga Expressway उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होते हुए गुज़रेगा और अभी से ही इसे फ्यूचर मे एक्सटैंड करने के भी प्लान बन गए है, जिसमे यह वेस्ट में हरिद्वार और ईस्ट में बलिया तक कवर करेंगे, अभी इस प्रोजेक्ट में काफी तेज़ी से काम चल रहा है अगले साल तक इस एक्सप्रेसवे की खुलने की भी उम्मीद है, इस एक्सप्रेसवे से ना सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि एक नया इंडस्ट्रियल कोरिडोर भी बन जायेगा।
GANGA EXPRESSWAY बनने से क्या फायदा होगा ?
उत्तर प्रदेश में बन रहे Ganga Expressway से कई नयी इंडस्ट्रीज भी आएंगी इसके आसपास ताकि गुड्स की ट्रांसपोर्टेशन आसानी से हो सके पहले बने Yamuna Expressway और Lucknow-Agra Expressway ने इकॉनमी एक्टिविटी बड़ाई है, Ganga Expressway लॉजिस्टिक बेहतर करेगा और इसके आलावा Ganga पर आने वाले रेगुलर फ्लुइड्स को कण्ट्रोल करने में भी ये एक्सप्रेसवे मदद करेगा, वो इसलिए क्योकि इसके Embankments को इस तरह बनाया जा रहा है ताकि फ्लुइड्स का पानी आसपास के इलाके और गॉंव तक ना पहुंच सके।
GANGA EXPRESSWAY को बनाने की वजह ?
दोस्तों इस एक्सप्रेसवे बनाने के पीछे की वजह जानने से पहले हमे उत्तर प्रदेश की इकॉनमी के बारे में जानना पड़ेगा, उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की जनसंख्या के साथ ये राज्य देश की सबसे ज्यादा जनसँख्या वाला राज्य है, गंगा के आसपास की जगह जिसे हम Indo-Gangectic Plain भी बोलते है यह दुनिया के सबसे ज्यादा उपजाऊ जगहों में से एक है, इसमें Indus river की जगहे भी आती है और Pakistan और Bangladesh के जगहे भी, सिर्फ इतना ही नहीं ये Indus Valley Civilisation का बर्थ प्लेस भी है और साथ ही में दुनिया के सबसे ज्यादा लोगो को पालने का भी काम किया है अब आप सोच रही होंगे कैसे, तो चलिए हम आपको बताते है यह एक बहुत बड़ी जगह है जिसकी वजह से यहाँ सबसे ज्यादा फसल उगाई जाती है जैसे चावल और गेंहू, जिस कारण ये सबसे ज्यादा जनसँख्या को सहारा देती है इन सबके आलावा कई इंडस्ट्रीज भी उत्तर प्रदेश में है उत्तर प्रदेश में हैवी इंडस्ट्रीज Meerut Ghaziabad Kanpur और Mirzapur जैसी जगहों में है, इसीलिए इस एक्सप्रेसवे को NCR के अंदर भी शामिल करने का फैसला लिया गया है।
GANGA EXPRESSWAY को बनाने का प्लान कब शुरू किया गया था ?
दोस्तों ये Ganga Expressway का प्रोजेक्ट काफी पुराना है साल 2008 में इसे East और West U.P को जोड़ने का प्रस्ताव दिया गया था साल 2008 में इसका नीव भी राखी रखी थी, लेकिन Funds में कमी और जमीनी कारवाई जैसी समयस्या होने के कारण ऐसा लगने लगा था कि ये प्रोजेक्ट बंद हो जायगा, लेकिन अब फिर से इस इक्स्प्रेस्वै पर काम शुरू कर दिया गया है सारी समस्या खतम होने के बाद साल 2019 में इसका काम शुरू किया गया और अभी तक 50% से भी ज्यादा काम पूरा हो चुका है।
GANGA EXPRESSWAY Construction work
इस इक्स्प्रेस्वै को बनाने के लिए 12 Packeges में बाटा गया, जिसमे अलग-अलग टेंडर्स निकाले गए थे, जिसमे से 3 टेंडर्स IBR Infra Instructure के पास है और 9 Adani Groups के पास है, और 37000 करोड़ में से 9500 करोड़ land acquisition में लगाए जायेंगे और बाकि कंस्ट्रक्शन में, इस एक्सप्रेसवे बनाने के बाद (UPEIDA) ने इस एक्सप्रेसवे बढ़ाने का भी सोच रही है यह एक्सप्रेसवे मेरठ से हरिद्वार तक नगीना से होते हुए जायेगा जिसकी लम्बाई होगी लगभग 150 km. वही दूसरी तरफ ये एक्सप्रेसवे प्रयागराज से बलिया तक वाराणसी से होते हुए जायेगा जिसकी लम्बाई होगी लगभग 250 km. इन दोनों से जुड़ने के बाद Ganga Expressway की लम्बाई लगभग 1000 km तक हो जाएगी।
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